Very good shayari

जो कभी लिपट जाया करती थी बादलों के गरजने पर… वो आज बादलों से भी ज्यादा गरजती है 

⊱✿ ✣ ✿⊰ 

अक्सर वक्त पडने पर वो ही साथ छोडते है… जिनपर सबसे ज्यादा भरोसा होता है…
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 हम तो नरम पत्तों की शाख़ हुआ करते थे. छीले इतने गए कि “खंज़र ” हो गए…. 

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 सुन pagli मेरा Look अपने अंदर install मत Karna वरना तेरा Dil कही Hang न हो जाऐ. ⊱

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नाराज़गी बहुत है हम दोनों के दरमियान … वो गलत कहता है कि कोई रिश्ता नहीं रहा…


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मै दीया हूँ, मेरी दुश्मनी तो सिर्फ़ अंधेरे से है, हवा तो बेवजह ही मेरे ख़िलाफ़ है! ⊱✿ ✣ ✿⊰

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